साथ ही किसोराव्स्था की समस्यासे अलग होती है और मार्गदर्सन के लिए बहुत कम लोग होते है|द्रुपद को भी तेजी से उढना था, जिसके लिए उन्होंने मार्केटिंग, डीजाइनिंग, होटल मैनेजमेंट जैसे कइ क्षेत्र मै प्रयास किए लेकिन अपेक्षित सफलता नही मिली|
द्रुपद, एक आर्थीक रूप से मध्यम वर्गीय परिवार का युवक, कइ अन्य मध्यम वर्ग के लोगो की तरह, उसके भी बहुत से ख्वाब थे, अपने लक्ष्य की और अस्पष्ट द्रष्टि|
लेकिन उसके साथ थी हार न मानने की मानसिकता, शिखते रहने और गिरने के बाद भी खडे होने की हिम्मत, पुस्तको का विशाल पढ्न और सदा उसके साथ रहता माता-पिता का प्रेम और स्नेह| जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव के बाद उसे अपने जीवन का लक्ष्य मिला|
एक बही चोट और उसे अंतदृष्टी हुइ ! वह अपने कम्फोटजोन से बाहर निकला, खुद को और दुसरो को समजने लगा| लोगो की मुश्केलियो को समजने लगा | और व्यावहारिक, मनोविज्ञानिक, आध्यात्मिक रूप से उन समस्याओ के समाधान के रास्ते समजने लगा, समजाने लगा, अपनी सफलता के रहस्यो को सहता किया|