ऐसा क्या है जो एक युवा को इतना निराश करता है?
क्यों परिवार के साथ उसका सामंजस्य कम हो रहा है?
उसकी प्रगति में रुकावट क्यों आ रही है?
अपनी जिंदगी, कारकिर्दी, परिवार आदी कई समस्याओं का समाधान कहां है?
उसकी व्यावसायिक समस्या के लिए मार्गदर्शन कहाँ है?
ऐसे कई सवालों का जवाब है यहां, युवा की संवेदना से जुड़ना ...उसकी तकलीफ़, समस्याओंको सुलझाने, उसके स्वप्नको पंख देने हम उनके मित्र एवं मार्गदर्शक बन रहे है। कई लोग " मैं हु समर्थ" नारे को अपने जीवनमे आत्मसात कर रहे है, जिसका हमे गर्व है।
वर्तमान समय की समस्याओं मे एक है - युवा पीढ़ी और माता - पिता के बिच का मानसिक अंतराल | माता-पिता और बच्चे एक-दूसरे के संपर्क में हैं लेकिन उनके बीच कोई संबंध-लगाव नहीं है।परिणाम स्वरूप तनाव। मनोवैज्ञानिक रूप से एक दूसरे पर बढ़ते तनाव को दूर करना,एक दूसरे के बिच समज और सदभाव विकसीत करना, स्नेह बढ़ाना हमारा लक्ष्य है।